बड़कागांव: जहां एक ओर सरकारी पदाधिकारी लोकसभा चुनाव की तैयारी में लगे हुए हैं, वहीं इसका लाभ उठाकर बालू का अवैध कारोबार करने वाले माफिया लाखो रुपए कमा रहे हैं . सरकार के लाखों रुपए के राजस्व की क्षति हो रही है. बड़कागांव अंचल क्षेत्र में बालू का अवैध कारोबार खुले आम चल रहा है. एनजीटी द्वारा रोक लगाये जाने के बावजूद भी दिनदहाड़े ट्रैक्टरों के माध्यम से बालू की अवैध तरीके से ढुलाई की जा रही है. वन विभाग के पदाधिकारी कहना है कि बालू खनन के लिए अब तक टेंडर नहीं हुआ है. आखिर किसके इशारे पर खुलेआम अवैध खनन की जा रही है. यह सवाल हर जनता के जुबान पर है.
हालांकि प्रशासन द्वारा कभी कर अवैध बालू लदे एक या दो ट्रैक्टरों को जब्त कर खानापूर्ति की जाती है. जबकि इस क्षेत्र में 350 से अधिक ट्रैक्टर बालू के अवैध कारोबार में लगे हुए हैं. बड़कागांव के विभिन्न नदियों से बालू का अवैध उत्खनन 24 घंटा जारी रहता है. जिससे ट्रैक्टरों, से बालू की ढुलाई होती है. रात दिन में नदियों का दोहन किया जा रहा है इससे नदियों का अस्तित्व खतरे में है जलस्तर नीचे चल जा रहा है. नदी में बने कई पुलो का अस्तित्व खतरे में है. बताया जाता है कि कुछ जनप्रतिनिधियों की इस धंधे में सहयोग प्राप्त है.
क्या कहना जिला परिषद सदस्य का
जिला परिषद सदस्य यासमीन निशा एवं उनके प्रतिनिधि मोहम्मद इब्राहिम का कहना है कि बालू पर हर हाल में रोक लगनी चाहिए .क्योंकि बड़कागांव में बालू खनन के कारण जलस्तर नीचे चल जा रहा है. आने वाला समय में लोगों को घर बनाने में भी दिक्कत होगी. अगर इस पर रोक नहीं लगेगी तो आंदोलन करेंगे.
इन नदियों का हो रहा है दोहन
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बड़कागांव आंचलिक क्षेत्र के बादम के बदमाही नदी, आंगो स्थित दामोदर नदी, सांढ़, विश्रामपुर के बड़की नदी, हहारों नदी, बड़कागांव थाना के बगल में मंझला बाला नदी, छवनिया नदी, सिरमा नदी, चोरका पंडरिया नदी, झरिवा नदी, नयाटांड़ के कुमरडीहा, तलसवार, शिवाडीह, गोंदलपुरा, पतरा, पलांडू, सतबहिया, महुदी, सोनपुरा, सिंगार सराय आदि नदियों से बालू का उत्खनन जोरों पर है. अधिकांश ट्रैक्टरों एवं टर्बो से बालू को ढक कर नहीं ढोया जाता जिसके कारण बालू सड़कों में गिरते जाता है. धूलकण भी उड़ते रहता है. जिससे सड़क दुर्घटना होती है. इस संबंध में प्रमुख प्रतिनिधि हेमंत भुइयां का कहना है कि मैं इस बारे में लेटर पैड में लिखकर दूंगा.