डेंगू रोकथाम के किए जा रहे कार्यों की समीक्षा को लेकर अनुमंडल पदाधिकारी ने की टास्क फोर्स के साथ वीसी

जमशेदपुर :   जिले में डेंगू रोकथाम को लेकर जिला प्रशासन द्वारा सजग प्रयास किया जा रहा है। वहीं सोमवार अनुमंडल पदाधिकारी धालभूम पीयूष सिन्हा द्वारा डेंगू टास्क फोर्स के साथ समीक्षा बैठक भी की गई। ऑनलाइन माध्यम से आयोजित इस बैठक में सिविल सर्जन डॉ जुझार माझी के अलावा स्वास्थ विभाग के अन्य पदाधिकारी, सभी नगर निकाय पदाधिकारी, जुस्को एवं सभी अन्य उपस्थित रहे। इस दौरान अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि डेंगू के विरुद्ध सघन अभियान में तेजी लाने और व्यवस्थित रूप से अभियान को कार्यान्वित करने की आवश्यकता है।

उन्होंने सभी नगर निकाय को निर्देश दिया कि क्षेत्र में एक हेल्पलाइन नंबर निश्चित रूप से रहे। साथ ही जिसपर डेंगू संबंधित जानकारी या परेशानी लोगों द्वारा साझा किया जा सके। लोगों से डेंगू संबंधित शिकायत मिलने पर त्वरित करवाई करने का निर्देश भी उन्होंने दिया। उन्होंने कहा कि जिले में डेंगू के संदिग्ध मामलों के लिए एक डेडीकेटेड हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाए।

ताकि उक्त नंबर पर संपर्क कर मरीज जरूरी चिकित्सा परामर्श प्राप्त कर सके।बैठक में उन्होंने निर्देश दिया कि किसी भी क्षेत्र में डेंगू का कोई भी पॉजिटिव केस पाया जाता है तो उस व्यक्ति के घर में और उसके आसपास एंटी लार्वा एक्टिविटीज, साफ सफाई के साथ-साथ इंडोर फॉगिंग अनिवार्य रूप से की जाए। साथ ही कदमा और धातकीडीह क्षेत्र में कांटेक्ट ट्रेसिंग त्वरित तरीके से पूर्ण करने का निर्देश भी उन्होंने दिया। एंटी लार्वा एक्टिविटी से जुड़े सभी संबंधित सुपरवाइजर के लिए डेंगू रोकथाम संबंधित ट्रेनिंग करवाने का निर्देश भी दिया गया। उन्होंने कहा कि सभी सुपरवाइजर में एक्सपर्टीज डेवलप करने की आवश्यकता है। ताकि जब भी वे किसी घर में डेंगू लार्वा निरीक्षण के लिए जाते हैं तो उक्त स्थान में पूर्ण तरीके से निरीक्षण कर डेंगू लार्वा ढूंढ पाने में सक्षम हो पाएं।

गोलमुरी क्षेत्र में निरीक्षण कार्य और डेंगू रोकथाम की कार्रवाई तत्वरित रूप से करने का निर्देश भी उन्होंने दिया। बैठक में निर्देश दिया गया कि नगर निकाय और स्वास्थ विभाग आपसी समन्वय स्थापित करते हुए सभी क्षेत्र में डेंगू रोधी अभियान मिशन मोड में संचालित करें। उन्होंने कहा कि युवाओं में भी डेंगू संबंधित जानकारी का विस्तार करने के उद्देश्य से नियमित रूप से स्कूलों में कार्यशाला का आयोजन किया जाए। साथ ही डेंगू रोकथाम में अनिवार्य सुरक्षात्मक कदमों के बारे में युवाओं को जागरूक किया जाए।

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