धनबाद: मुंबई – अश्लीलता फैलानेवाले माध्यमों को विरोध में कानून बनना चाहिए, सिनेमा में भी ड्रेसकोड निश्चित होना चाहिए और इसका उल्लंघन करनेवालों को दंड मिलना चाहिए. सरकार के साथ अभिभावक, युवा संस्था बनाकर इस सूत्र पर मिलकर काम करना चाहिए. ओटीटी प्लेटफार्म पर यौन, अभद्र और अनैतिक सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए सख्त कानून सहित ‘एथिक्स कोड’ (नैतिकताकी आचारसंहिता) लागू करें. विश्वगुरु बनने का प्रयास कर रहे भारत की संस्कृति को बचाने के लिए अश्लीलता के दानव को समाप्त करना होगा, ऐसा प्रतिपादन सेव्ह कल्चर सेव भारत…
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