जमशेदपुर : सामाजिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक संस्था मिथिला महिला ट्रस्ट द्वारा रविवार बिस्टुपुर स्थित मिलानी हॉल में मिथिला हाट लगाया गया। दो दिनों तक चलने वाले इस हाट का उद्घाटन ग्रेजुएट काॅलेज की सेवानिवृत प्राचार्य डाॅ शकुंतला पाठक ने किया। इस दौरान उन्होंने वहां मौजूद महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि मिथिला की हर महिला में गुण छुपा हुआ है।
उन्होंने कहा कि चाहे खानपान की बात हो या फिर उनके हाथों के हुनर का हो, मिथिला समाज की महिला पीछे नहीं है। आज मधुबनी पेटिंग भारत ही नहीं बल्कि विश्व पटल पर अपनी पहचान बना चुकी है। यह सिर्फ मिथिला की माहिलाओं के कारण ही संभव है। वहीं उन्होंने मिथिला माहिला ट्रस्ट की तरफ से आयोजित हाट की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम से माहिलाओं को रोजगार भी मिलता है। साथ ही मिथिला की सभ्यता और सांस्कृति को सीधे तौर पर लोग जान पाते हैं। जबकि उमा झा ने बताया कि शहर और इसके आस-पास में मिथिला क्षेत्र की रहने वाली वैसी माहिलाएं जो किसी न किसी कार्य में पारंगत हैं। मगर उन्हें मंच नहीं मिला है।
उन महिलाओं को एक मंच देने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। जिसके तहत मिलानी हॉल में दो दिवसीय प्रर्दशनी सह बिक्री का आयोजन किया गया है। जिसका समापन दो अक्टूबर को होगा। हाट में आम का अचार, आमरा अचार, पूरूकिया, अनारसा, नीमकीन, तैयार किया हुआ एरकोच के पत्ता मशाला के साथ, चना मुढी समेत अन्य पकवान मिल रहे थे। इसके अलावे मधुबनी पेटिंग, पाग, मधुबनी पैटिंग किया हुआ साड़ी और साल भी उपलब्ध है।
इसके अलावे हाट में चुडी और लहटी भी मिल रहा है। मिथिला हाट में बारह स्टॉल लगाए गए हैं। जिसमें रेनू मिश्रा, ममता, हीना और कंचन ने मधुबनी पेंटिंग, पाग और सिक्की कला से निर्मित डलिया, शीतल कुल्हड़ हाथ की कढाई की गई साड़ी, निर्मला ने अनरसा, सकरोडी, गुघनी, नूतन झा ने अरकंचन, रामरूईच, आचार मसाला, मीनू झा ने लहठी और सरिता ने दल पूरी का स्टाॅल लगाया गया था। कार्यक्रम में रीता सिन्हा, नीता सिन्हा, पूनम मिश्रा, अरूणा झा, सरिता झा, बीएम चौधरी, हेमलता चौधरी, शिला झा, ज्ञायत्री झा, मधु झा और उमा झा मौजूद थीं।