मेदिनीनगर : शहर में बढ़ती गर्मी और तापमान के साथ जलसंकट भी गहराने लगा है।शहरी क्षेत्र के कई इलाकों में लोगो को पेयजल की समस्या से जूझना पड़ रहा है। पलामू के प्रमुख नदियां कोयल, अमानत, औरंगा, दुर्गावती , बटाने जैसी नदियां सूख गई हैं।जबकि शहर के कई तालाब भी सूखने के कगार पर हैं. पलामू जिला प्रशासन ने जलसंकट को देखते हुए कार्ययोजना तैयार किया है और उस पर काम भी कर रही हैं।
कोयल नदी पलामू की लाइफ लाइन मानी जाती है।लेकिन कोयल नदी के तट पर बसे लोग पीने के पानी को लेकर संकट में है।चापाकलों का भी जल स्तर निचे चला गया है।स्थानीय लोगों ने बताया कि अब कोयल नदी भी सूखने के कगार पर है। जिसके वजह से पानी के लिए लोगों को और भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। प्रशासन और निगम को पेयजल को लेकर तेजी से काम करने की जरूरत है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि अभी लोग कोयल नदी में चुआंडी खोद कर अपना प्यास बुझा रहे है, घर की औरत भी उसी चुआड़ी के पानी से नहाने और कपड़ा साफ कर रहे है।बढ़ती गर्मी के बीच पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर के कई ऐसे इलाके हैं. जहां लोग सुबह चार बजे से ही पानी के लिए चापाकलों पर भीड़ लगा देते हैं. मेदिनीनगर का बैरिया, सुदना, आबादगंज, पहाड़ी, कान्दूमोहल्ला कंदाखाड़ ड्राई जोन में है. जहां का पानी का जल स्तर काफी नीचे चला गया है।बीएन कॉलेज हमीदगंज एरिया कंदाखाड़ में लोगो के घर का चापाकल सुख चुका है।लोगो को पानी पीने के लिए और अन्य कार्यों के लिए सिर्फ सप्लाई पानी पर ही निर्भर होना पड़ रहा है।मेदिनीनगर नगर निगम की आबादी 1.53 लाख के करीब है लेकिन करीब 3300 घरों के पास पानी का कनेक्शन है।
इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितने लोगों को पानी मिल रहा है। नगर निगम के कांदू मोहल्ला क्षेत्र से शहर के दूसरे इलाकों में पानी भेजा जाता है। लेकिन यहां के स्थानीय लोग ही पेयजल संकट से जूझ रहे है। यहां कोयल नदी के तट पर पंपूकल है लेकिन कांदू मोहल्ला के अधिकांश इलाके में पाइपलाइन ही नहीं है। यहां के लोग दूसरे इलाके में पानी लाने के लिए चार बजे सुबह में ही जाते हैं।नतीजा यहां के स्थानीय लोग पेयजल संकट से परेशान हैं।पहाड़ी मोहल्ला, बीएन कॉलेज हमीरगंज,राहत नगर, कुंड मुहल्ला क्षेत्र के लोगों के अलावा शाह मुहल्ला व अन्य इलाकों के लोग लंबी दूरी तय कर इन दिनों पानी का इंतजाम करते हुवे देखे जा रहे हैं।