झारखंड में कर्मचारियों का हेमंत सरकार के खिलाफ हल्ला बोल, हड़ताल पर मुखिया, वनरक्षी और पंचायत सचिव

 

लातेहार: झारखंड प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की नाराजगी अब खुलकर सामने आ रही है। झारखंड के मुखिया, वनरक्षी, पंचायत सचिव, पारा शिक्षक समेत कई विभागों के कर्मचारी हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ हड़ताल पर चले गए हैं। इन कर्मचारियों का कहना है कि जिस प्रकार से पूर्व की रघुवर दास सरकार में उन्हें प्रताड़ित किया गया और उनकी उपेक्षा हुई, ठीक वैसे ही हालात हेमंत सोरेन की सरकार में भी बनी हुए हैं।कर्मचारियों का आरोप है कि हेमंत सोरेन सरकार उनकी मांगों और समस्याओं को अनसुना कर रही है। उनका कहना है कि अगर उनकी मांगों को सरकार ने जल्द नहीं माना, तो वे 2024 के विधानसभा चुनाव में इस सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिए जनता के बीच जाएंगे। मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, वार्ड सदस्य ने कहा, “हमने रघुवर दास सरकार को 2019 में उखाड़ फेंका था, क्योंकि उन्होंने हमारे साथ अन्याय किया था। अब हेमंत सोरेन की सरकार भी हमारे साथ वही कर रही है। हम इस बार भी चुप नहीं बैठेंगे।”वनरक्षी और पंचायत सचिवों का कहना है कि उनकी समस्याओं का समाधान सरकार की प्राथमिकता में नहीं है। वही वनरक्षी , जो पहले से ही अपनी मांगों को लेकर आंदोलित हैं, ने भी इस हड़ताल में समर्थन दिया है।हेमंत सोरेन सरकार पर यह हड़ताल भारी पड़ सकती है, क्योंकि इस साल ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। सरकार की ओर से अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों में नाराजगी और बढ़ सकती है। अब देखना यह है कि सरकार इस हड़ताल को लेकर क्या कदम उठाती है, क्योंकि इसका असर राज्य के विकास कार्यों पर भी पड़ रही है।

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