टंडवा में रेलवे लाइन के निर्माण से किसानों के लिए बना वरदान 

टंडवा: शिवपुर से कठौतिया तक निर्माणाधीन रेलवे लाईन के निर्माण होना किसानों के लिये वरदान साबित हो रहा है। रेलवे लाइन बनने से गांव के ग्रामीणों को सफर जहां सुहावना भविष्य में होगी वहीं मिट्टी के उठाव से बंजर भूमि भी उपजाऊ खेत बन रहा है। इतना ही नहीं कुछ किसान स्वेच्छा से अपने बंजर भूमि को कॉन्ट्रेक्टर के हवाले कर उसमें सिंचाई के लिए तालाब भी बनवा रहे हैं। । बताया गया कि केन्द्र सरकार के द्वारा शिवपुर से कठौतिया तक 45 किलोमीटर लम्बी रेलवे लाईन का निर्माण किया जा रहा है।‌ इस दौरान फुलवरिया, टेकठा, कढनी व बुकरू समेत आधा दर्जन गांवों के जमीन अधिग्रहण कर रेलवे विभाग रेलवे लाईन का निर्माण कार्य कर रहा है। जानकारी के अनुसार गांव के जिस जमीन पर रेलवे लाइन का निर्माण हो रहा है वहां मिट्टी की जरूरत होती है जिसे आस-पास के गांवों के किसानों से समन्वय बनाकर बड़े पैमाने पर मिट्टी का उठाव हो रहा है। इस दौरान जो सालों से बंजर भूमि थी वह उपजाऊ भूमि में तब्दील हो रही है। मिसरौल गांव के इदरीस अंसारी, बानो साव, गांगो साव व भोला साव ने कॉन्ट्रेक्टर को लिखित देकर बंजर भूमि का मिट्टी का उठाव करवाया। इस मामले मे टंडवा प्रखंड बीस सूत्री के उपाध्यक्ष सह फुलवरिया गांव निवासी नीरज तिवारी का कहना है कि रेलवे लाईन के निर्माण और मिट्टी के उठाव से फुलवरिया, टेकठा, कढ़नी व बुकरू आदि गांवों के करीब 10-15 एकड़ भूमि उपजाऊ बन चुका है। जबकि आधा दर्जन तालाबों का गहरी करण किये जाने से सैंकड़ों एकड़ भूमि सिंचित होंगे। उक्त नेता का यह भी कहना है गांवों में रोजगार के दरवाजे खुले। चार दर्जन से अधिक परिवारो का जीविकोपार्जन चल रहा है। इधर कॉन्ट्रेक्टरो का कहना है कि गांव के लोग जो स्वेच्छा से जमीन देते हैं उसी के जमीन से मिट्टी का उठाव किया जाता है।

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